फिर चाहे अपना हो या पराया - कविता

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बहके जो कोई तो संभाल लेना  फिर चाहे अपना हो या हो पराया  चंद मुस्कान रोशन कर देना फिर चाहे अपना हो या पराया सिसकने नहीं देना किसी को भी  फिर ...

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